Monday, May 11, 2009

बेटी की कहानी.....

' हमने सितारों को बदलते देखा हे
चाँद की रौशनी को ढलते देखा हे
क्या करू के हो उनपे एतबार मुझे
हमने जमाने को बदलते देखा हे '

' जहा इंसानियत भी शर्मसार होती हे
बेटो के वास्ते बेटी की बलि होती हे
कोख में ही कुचल डाले कई अनमोल रतन
हमने माँ बाप को नज़रे बदलते देखा हे '

'बेटो की चोखट पे माँ बाप को घिसटते देखा हे
बेटियों को बुढापे का सहारा बनते देखा हे
आवारा बेटा को भर पेट खिलाने के लिए
भूखी बेटी को सुलाते हुए हमने देखा हे '

बेटो को मिल जाए ज़िन्दगी का मज़ा
बेटी को बाज़ार में बिकते हुए देखा हे

हमने ज़माने को बदलते देखा हे .......




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